How to writing a script ? Some facts about it . This blog is In Hindi



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 How to writing a script ? Some facts about it .
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Avengers की कहानी में Thanos एक ऐसा चरित्र है जिसने पाप तो भरपूर किए लेकिन उन पापों की उसने ज़िम्मेदारी भी ली थी लेकिन सिर्फ Infinity War की story तक और Infinity War में वो कामयाब भी हो गया था लेकिन Endgame की कहानी में Thanos पहले वाला Thanos से अलग था क्योंकि पहले वाला (Infinity War वाला) Thanos पाप तो करता था लेकिन किसी से ऐसी झूठी उम्मीद नहीं करता था कि कोई भी कभी भी उसे दिल से सम्मान देगा, वो अपने किए पापों की ज़िम्मेदारी स्वीकार करता था, जबकि Endgame वाले Thanos ने सच्चाई से भागने की कोशिश की थी ; सबको मारकर भी वो मसीहा कहलवाना चाहता था यानि उसने अपने पापों को स्वीकार नही किया क्योंकि उसने देख लिया था कि उस राह पर आगे उसे ढूंढ कर मार डाला जाएगा इसीलिए उसने जिसे अच्छा माना था उस मकसद की खातिर कुर्बानी देने के बजाए उस मकसद को ही बदल लिया ; ब्रह्मांड की आधी आबादी खत्म करने के बजाए वो पूरे ब्रह्मांड का सर्वनाश चाहने लगा और फिर ख़ुद ईश्वर बनकर सबकुछ रचना चाहता था। 

हालांकि देखा जाए तो Thanos को भविष्य में छलांग लगाने की ज़रूरत नहीं थी क्योंकि भविष्य की गड़बड़ी ठीक करने के बाद Infinity stones को खुद Avengers ही भूतकाल में छोड़कर जाने वाले थे लेकिन Thanos जानता था कि एक बार भविष्य देख लेने के बाद वो कभी भी मन से पुराने Thanos की तरह नहीं लड़ पाएगा इसीलिए उसने रास्ता ही बदल लिया। नए रास्ते पर अब Thanos अपने पापों को स्वीकार करते हुए नहीं चलने वाला था बल्कि इस गुस्से के साथ आगे जाने वाला था, यह सोचते हुए कि,"दुनिया के लिए इतना करने के बाद भी दुनिया आखिरकार मुझे देगी तो बस मौत की सजा और मुझे भूलेगी भी क्योंकि मेरे काम को भी मिटा दिया जाएगा तो अब मैं पुराने रास्ते नहीं जाऊंगा!" और नए रास्ते पर Thanos अपने किए पापों को स्वीकार नहीं करने वाला था बल्कि पापों को करके भी दूसरों से सच्चा सम्मान पाने की उम्मीद कर रहा था।


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मौत का डर हर पापी को पागल बना देता है जबकि अच्छे लोग मौत से तो नहीं ही डरते। यानि अपनी मौत देखना या जान लेना किसी के लिए दवा है तो किसी के लिए जहर भी।.... ज़रा सोचिए कि भविष्य का दर्शन ही जब हम सह नहीं सकते तो अगरi हम time travel करने लग जाएं तो क्या होगा? लेकिन दिलचस्प है यह बात भी कि हम भविष्य देखने से तो डरते हैं जबकि भविष्य में time travel करके समय में आगे-पीछे जाने का सपना देखते हैं ,शायद इसलिए क्योंकि इस रास्ते पर हमें भविष्य देखने से ज्यादा भविष्य को बदलने का भी मौका महसूस होता है जबकि ऐसी एक भी कल्पना आज तक नहीं हो पाई जो काल के नियमों में की छेड़छाड़ को सही बताती हो या वर्तमान के हालातों को सुलझाने वाला बताती हो!


कल्पनाएं वही अच्छी लगती हैं जिनमें खुद को वास्तविकता के करीब लाने की ताकत होती है और यह ताकत तो कल्पनाओं में सत्य के impliment से ही आती है। जैसे कि मैं मानता हूं कि Thanos के Infinity War में सफल रहने का बड़ा कारण वास्तव में केवल यही था कि पाप करके वो अपने पापों की ज़िम्मेदारी को स्वीकार करता रहा लेकिन जब उसी Thanos ने Endgame में अपने पापों की ज़िम्मेदारी लेने से बचने की कोशिश की तो हार का मुंह भी देखना पड़ा।


Avengers movie और Thanos का चरित्र सब कुछ एक कल्पना है। लेकिन क्यों Avengers की कहानी दिल को इतनी छू जाती है? , क्यों Avengers की कहानी को दुनिया भर में इतना पसंद किया गया, तो इसका राज दो बातों से जुड़ा है : पहला तो यह कि हमारी दुनिया पेचीदा रुप से काफी वैज्ञानिक  होती चली जा रही है तो आसानी से अभी भी हमें कहानियां वही पसंद आ रही हैं और आगे भी हमें कहानियां वही पसंद आएंगी जो इस scientific वातावरण को सहारा देती होंगी आसानी से, और Avengers movie भी ठीक तरह से कुछ हद तक यह करने में कामयाब रही , यह इसकी सफलता का पहला कारण है। 

दूसरा कारण है Avengers movie का जीवन्त लगना ; ऐसी लगती है Avengers की कहानी जिसे देखकर हम यह मान पाते  हैं कि," हां यार! यह हकीकत में हो सकता है।" जबकि Avengers movie के जैसी ही कई movies बन चुकी हैं और जिनका budget Avengers movie जितना या उससे भी ज्यादा था लेकिन फिर भी वो movies वो कमाल नहीं दिखा पाईं क्योंकि किसी कहानी को दर्शकों को पसंद आने लायक जीवंत जो बात बनाती है वो आप मानो या न मानो लेकिन यह "उस कहानी में आध्यात्मिक व नैतिक संदेशों को कितना मान दिया गया है?" इस बात पर ही निर्भर करता है।

आप चाहें नास्तिक ही क्यों न हों लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता! कहानियां तो वही पसंद की जा पाती हैं जो हमें कहानी कहने के साथ साथ जीवन की सच्चाइयों को भी कहती चलती हैं साथ साथ में , इसमें भी संभावनाएं ज़रूर हैं : पहली तो यह कि हो सकता है कि कहानी में छुपे हुए सत्य संदेश हम महसूस तो कर लें जिससे कोई कहानी हमें अच्छी तो लग जाए पर हम जिन संदेशों को जल्दी से समझ न पाएं ; इस स्थिति में भी कोई कहानी हमें अच्छी लग सकती है मगर साथ ही हम यह भी सोच सकते हैं कि," इस कहानी ने तो हमें कोई संदेश दिया भी नहीं !" ऐसे में यदि हम लेखक हैं तो हम मान लेंगे कि कहानी का सच्चा संदेश उतना मायने नहीं रखता जितना कहानी मायने रखती है और सच कहूं तो बेकार कहानियों के जन्म की यही वजह होती है । इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है कि हर इंसान की जिंदगी एक लिखी जा रही कहानी के जैसी ही तो है , एक ऐसी कहानी जो ख़ुद को खुद लिख रही है यानि हर इंसान लेखक है खुद ही अपनी जिंदगी की कहानी का जिससे एक दिन वो लेखक बनेगा अपनी जिंदगी की कहानी के अच्छे-बुरे अंत का भी । ऐसे में अगर अपने message पर वो ध्यान नहीं देगा ,जो message  अपनी जिंदगी जीकर वो समाज को दे रहा है तो कहानी का अंत तो गड़बड़ाएगा ही और कहावत तो हम जानते हैं कि 'अंत भला तो सब भला' , बल्कि मैं तो यहां तक मानता हूं कि अंत भला तो ही सब भला । 

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Endgame के स्वार्थी और बदतर Thanos के जन्म का कारण भी तो यही था कि उसने अपनी जिंदगी की कहानी का बुरा अंत देख लिया था।.... कोई भी जीव जिसमें वैचारिक बुद्धि होती है तो चाहें वो कितना ही ताकतवर हो तन से या मन से लेकिन जिंदगी के बदतर अंत की कल्पना से हर बुद्धिजीवी डरता है और डरना भी चाहिए क्योंकि अगर हम भी अपनी life के messages पर अगर ध्यान नहीं दे रहे हैं तो हम भी Thanos की राह जा रहे हैं । एक दिन हो सकता है कि हमारी लापरवाही से जी हुई जिंदगी का बदतर अंत Thanos के जैसे ही हमारे सामने आ खड़ा हो और हम जिसे सह न सकें और जो फिर हमारी भी बुराई को दुगना कर दे क्यूंकि यह जीवन की सच्चाई है , ऐसा वाकई होता है इसीलिए तो इसकी कल्पना भी सच्ची लगती है और कथाओं में इसका वर्णन है  जैसे कि कंस को भी देवताओं ने उसका बदतर अंत दिखाकर ही वक्त रहते उसे सुधारने की कोशिश की थी लेकिन जिसका नतीजा यह हुआ था कि कंस पहले केवल बुरा था लेकिन अब बदतर हो गया।.... अपने जीवन की कहानी का बुरा अंत उसे पसंद नहीं आया क्योंकि यहां यह बात मायने ही नहीं रखती कि आप जीते जी अपनी जिंदगी की कहानी लिखते हुए यानि अपनी जिंदगी जीते हुए तन-मन से कितने कमज़ोर या ताकतवर हैं ? अपनी कहानी का बदतर अंत किसी को नहीं भाता।.... 

यूं तो हर कोई इंसान कम से कम एक कहानी का लेखक तो है ही और वो है उसकी खुद की जिंदगी , लेकिन हममें से कुछ हैं जो एक से ज्यादा कहानियों के भी लेखक हैं यानि कि जो फिल्मों और किताबों के लिए भी लिखते हैं, तो सत्य संदेश यही है कि अपनी कहानी के messages पर ध्यान देकर वो भी अपनी कहानी की quality बढ़ा सकते हैं और सबसे बड़ा कहानीकार तो भगवान ही है क्योंकि वो उसकी बन जाने वाली कहानियों को बहुत अच्छे से शुभ संदेशों से भर देता है।

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